मध्य प्रदेश की राजनीति में लग रहा है क्लीन चिटों का दौर चल रहा है. शिवराज सरकार के दौरान हुए मंदसौर गोलीकांड, नर्मदा किनारे प्लांटेशन और सिंहस्थ घोटाले के बाद अब मौजूदा कमलनाथ सरकार ने अभी व्यापम में गड़बड़ी से इंकार कर दिया है. दरअसल, विधानसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में गृह मंत्री ने जवाब दिया है कि पूरा मामला सीबीआई जांच के दायरे में है इसलिए किसी भी तरह की अलग से जांच कराना संभव नहीं है.और इस पर टिप्पणी किया जाना न्यायसंगत नहीं होगा. गृह मंत्री के इस जवाब के बाद राजनीतिक कयासों का दौर शुरू हो गया है.
इससे पहले मंदसौर गोलीकांड मामले की जांच में भी गृह मंत्री के बयान पर सियासी घमासान मच गया. गृह मंत्री ने बयान दिया था कि मंदसौर में आत्मरक्षा में गोलियां चलाई गईं थीं. उन्होंने कहा कि जब तक सरकार जांच के आधार पर संतुष्ट नहीं हो जाएगी तब तक कार्रवाई नहीं होगी. बाला बच्चन के इस बयान के बाद विपक्ष में बैठी बीजेपी ने हमला तो बोला ही साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कांग्रेस सरकार को निशाने पर लिया.
हालांकि मामले में खुद गृह मंत्री और फिर बाद में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद सफाई पेश की और कहा कि दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, 'ना हम मंदसौर में किसान भाइयों पर हुए गोलीकांड के दोषियों को बख्शेंगे ,ना हम पौधारोपण घोटाले के दोषियों को छोड़ेंगे और ना सिहंस्थ में हुई आर्थिक अनियमित्ताओ के दोषियों को. चाहे पीड़ित किसान भाइयों को न्याय दिलवाना हो या घोटाला करने वालों को सज़ा दिलवाना, यह हमारा संकल्प है'
source https://www.shivpurilivenews.com/2019/02/blog-post_62.html