नई दिल्ली। सऊदी अरब के प्रिंस सलमान भारत यात्रा पर हैं। बुधवार को दोनों देशों के बीच संयुक्त वार्ता हुआ, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रिंस सलमान ने संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया। पहले प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी बात रखी और अन्य मुद्दों के साथ ही पुलवामा आतंकी हमले पर भी बोले। उन्होंने कहा, आतंकवादियों को मिलकर सजा दिलाना जरूरी। वहीं, प्रिंस सलमान ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई पर बात जरूर कही, लेकिन पुलवामा का जिक्र नहीं किया।
सऊदी के क्राउन प्रिंस ने अपने बयान में कहा कि आतिवाद और आतंकवाद हमारे साझा चिंता के मुद्दे हैं। हम हमारे साथी भारत को कहना चाहते हैं कि हम हर मोर्चे पर उसका साथ देने के लिए तैयार हैं, फिर चाहे वो इंटेलिजेंस शेयरिंग ही क्यों ना हो। हम सभी के साथ मिलकर काम करेंगे ताकी आने वाली पीढ़ी को बेहतर भविष्य दे सकें।
करार के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, प्रिंस का स्वागत करके खुशी हुई है। सऊदी अरब एक करीबी दोस्त है साथ ही उर्जा सुरक्षा का महत्वपूर्ण सोर्स भी है। दोनों देशों के बीच पुराने संबंध हैं। सुरक्षा, उर्जा व अन्य क्षेत्रों में हम आगे बढ़े हैं। आज हमने द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर चर्चा की है।
इससे पहले दोपहर 12.30 बजे प्रधानमंत्री मोदी और सऊदी प्रिंस के बीच हैदराबाद हाऊस में वार्ता शुरू। इस वार्ता में उर्जा, इंफ्रास्ट्रक्चर और हाउसिंग समेत 6 क्षेत्रों को लेकर समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं।
वहीं भारत दौरे पर आए सऊदी प्रिंस सलमान का बुधवार सुबह औपचारिक स्वागत किया गया। राष्ट्रपति भवन में उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया जिसके बाद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री ने सऊदी प्रिंस की आगवानी की। इसके बाद अब सऊदी अरब और पाकिस्तान की तरफ से सोमवार को जारी संयुक्त बयान में जिस तरह से कुछ चुभने वाले मुद्दों को उठाया गया है उसे देखते हुए अब सभी की नजर भारत व सऊदी अरब की तरफ से आज जारी होने वाले संयुक्त बयान पर है। सऊदी प्रिंस की इस पहली द्विपक्षीय यात्रा को केंद्र सरकार बहुत अहमियत दे रही है।
इसको इसी बात से समझा जा सकता है कि सऊदी अरब के भावी शासक प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान मंगलवार को देर रात नई दिल्ली पहुंचे और पीएम नरेंद्र मोदी ने प्रोटोकाल तोड़कर हवाई अड्डे पर उनकी अगवानी की। बुधवार को सऊदी प्रिंस और पीएम नरेंद्र मोदी की द्विपक्षीय आधिकारिक वार्ता होगी।
भारत की पूरी कोशिश होगी कि संयुक्त बयान में पाकिस्तान में तमाम आतंकी संगठनों को मिल रहे पनाह के मुद्दे पर उसकी संवेदनशीलता को ना सिर्फ सऊदी अरब समझे बल्कि उसे संयुक्त बयान में उचित स्थान भी मिले।
प्रिंस सलमान सोमवार को पाकिस्तान में थे और वहां उनकी पीएम इमरान खान के साथ हुई वार्ता के बाद जारी बयान में कहा गया कि आतंकियों के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध लगाने संबंधी प्रावधानों का राजनीतिक इस्तेमाल किसी को नहीं करना चाहिए। यह सीधे तौर पर जैश के सरगना मौलाना मसूद अजहर पर भारत की तरफ से संयुक्त राष्ट्र का प्रतिबंध लगाने की चल रही कोशिशों की तरफ इशारा करता है। माना जा रहा है कि इसे पाकिस्तान की तरफ से खास आग्र्रह करने पर संयुक्त बयान में शामिल किया गया।
सूत्रों का कहना है कि बुधवार को भारत-सऊदी अरब की तरफ से जारी होने वाला साझा बयान आतंकवाद को लेकर वर्ष 2016 में इन दोनों देशों की तरफ से जारी बयान से ज्यादा कठोर होगा। तब के बयान में "सीमा पार आतंकवाद" जैसे शब्द इस्तेमाल नहीं किये गये थे लेकिन इसमें कहा गया था कि किसी भी देश को किसी दूसरे देश में दहशत फैलाने वाले आतंकियों को पनाह नहीं देनी चाहिए।
पीएम मोदी और प्रिंस सलमान के बीच इस मुलाकात से भारत व सऊदी अरब के बीच मौजूदा ऊर्जा सहयोग की तस्वीर में भी भारी बदलाव आएगा। अभी दोनों देशों में खरीददार व विक्रेता का रिश्ता है। सऊदी तेल व गैस बेचता है और भारत खरीदता है। लेकिन आने वाले दिनों में सऊदी भारत के ऊर्जा सेक्टर में एक बड़ा निवेशक भी बनने जा रहा है और भारत सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उसका एक बड़ा साझेदार देश बनेगा।
इस बारे में दोनों देशों के बीच एक अहम समझौते पर भी हस्ताक्षर होगा। भारत के पश्चिमी तट पर 44 अरब डॉलर (लगभग सवा तीन लाख करोड़ रुपये) के निवेश से लगने वाली रिफाइनरी में सऊदी कंपनी अमारको आधी हिस्सेदारी खरीदेगी। दोनों देशों के बीच कच्चे तेल का रणनीतिक भंडारण क्षमता बनाने में भी सहयोग स्थापित होने जा रहा है।
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