लोकसभा चुनाव के बाद मोदी सरकार का पहला पूर्ण आम बजट आज संसद में पेश किया। इनकम टैक्स दाखिल करने के नियमों को सरल किया गया है। जिन लोगों के पास पैन कार्ड नहीं है, वो आधार नंबर से भी टैक्स रिटर्न भर सकते हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि अब 120 करोड़ से अधिक देशवासियों के पास आधार उपलब्ध हैं। आयकर दाताओं की सुविधा और आसानी के लिए यह प्रस्ताव किया गया है।
पहले से भरी गई आयकर विवरणी
वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर दाताओं को पहले से भरी गई कर विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें वेतन से आय, प्रतिभूतियों से पूंजीगत प्राप्तियां, बैंक से मिले ब्याज और लाभांश तथा कर में कटौतियों का विवरण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्युचुअल फंडों, ईपीएफओ, राज्य पंजीकरण विभागों आदि जैसे संबंधित स्रोतों से ऐसे आय के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आयकर विवरणी भरने में लगने वाले समय में कमी आएगी, बल्कि आय और करों की प्रस्तुति में सटीकता भी सुनिश्चित होगी।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय
इस बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि यदि किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपए से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी, तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है।
भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्डों, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि जैसे कम लागत वाले डिजिटल भुगतानों से कम नकद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार के लिए उनके ग्राहकों को कम लागत वाले अथवा बिना लागत वाले डिजिटल भुगतान की पेशकश की जाएगी अथवा ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों को एमडीआर का लाभ दिया जाएगा।
सरल और आसान जीवन
यह बताते हुए कि ‘कर भुगतान’ की श्रेणी के तहत भारत की कारोबारी सुगमता का दर्जा 2017 के 172 से बढ़कर 2019 में 121 हो गया, वित्त मंत्री ने कहा कि उपर्युक्त उपायों से करदाताओं को अनुपालना में आसानी होगी।
सस्ते घर के हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपए तकी की छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 45 लाख रुपए तक का हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपए तक की छूट दी गई है। सस्ता घर खरीदने वालों को भी छूट मिलेगी। किफायती आवास को 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्स कटौती के रूप में और ज्यादा प्रोत्साहन दिया गया है। यह अतिरिक्त कटौती 45 लाख रुपए तक के मूल्य वाले किफायती मकान की खरीद के लिए 31 मार्च, 2020 तक लिए गए कर्ज पर अदा किए गए 2 लाख रुपए के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स कटौती के अलावा होगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस कदम की बदौलत किफायती मकान खरीदने वाले व्यक्ति को अब 3.5 लाख रुपए की बढ़ी हुई ब्याज संबंधी टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा। इससे मध्यम वर्ग के मकान खरीदारों को 15 वर्षों की अपनी कर्ज अवधि के दौरान लगभग 7 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।’ नेशनल हाउसिंग बैंक की रेगुलेटिंग अथॉरिटी अब रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की जा रही है।
अमीरों पर लगाया ज्यादा कर
वित्त मंत्री ने अमीर लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की सालाना आय दो से पांच करोड़ रुपए तक है, उन्हें तीन फीसद ज्यादा टैक्स देना होगा और जिनकी सालाना आय पांच करोड़ रुपए से ज्यादा है, उन्हें सात फीसद ज्यादा टैक्स देना होगा। अगर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश एक साल में एक बैंक से निकालते हैं, तो इसमें टीडीएस कटेगा।
पहले से भरी गई आयकर विवरणी
वित्त मंत्री ने कहा कि आयकर दाताओं को पहले से भरी गई कर विवरणी उपलब्ध कराई जाएगी, जिसमें वेतन से आय, प्रतिभूतियों से पूंजीगत प्राप्तियां, बैंक से मिले ब्याज और लाभांश तथा कर में कटौतियों का विवरण शामिल होगा। उन्होंने कहा कि बैंकों, स्टॉक एक्सचेंजों, म्युचुअल फंडों, ईपीएफओ, राज्य पंजीकरण विभागों आदि जैसे संबंधित स्रोतों से ऐसे आय के बारे में जानकारी जुटाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे न केवल आयकर विवरणी भरने में लगने वाले समय में कमी आएगी, बल्कि आय और करों की प्रस्तुति में सटीकता भी सुनिश्चित होगी।
डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के उपाय
इस बजट में यह प्रस्ताव किया गया है कि यदि किसी बैंक खाते से एक वर्ष में एक करोड़ रुपए से अधिक धनराशि की नकद निकासी की जाएगी, तो 2 प्रतिशत की स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) की जाएगी। डिजिटल भुगतान और कम नकद अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने तथा डिजिटल भुगतान पर जोर देने के लिए हाल में उठाए गए अनेक कदमों से आगे बढ़ते हुए यह प्रस्ताव किया गया है।
भीम यूपीआई, यूपीआई-क्यूआर कोड, आधार पे, कुछ डेबिट कार्डों, एनईएफटी, आरटीजीएस आदि जैसे कम लागत वाले डिजिटल भुगतानों से कम नकद वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। वित्त मंत्री ने कहा कि 50 करोड़ से अधिक वार्षिक कारोबार के लिए उनके ग्राहकों को कम लागत वाले अथवा बिना लागत वाले डिजिटल भुगतान की पेशकश की जाएगी अथवा ग्राहकों के साथ-साथ व्यापारियों को एमडीआर का लाभ दिया जाएगा।
सरल और आसान जीवन
यह बताते हुए कि ‘कर भुगतान’ की श्रेणी के तहत भारत की कारोबारी सुगमता का दर्जा 2017 के 172 से बढ़कर 2019 में 121 हो गया, वित्त मंत्री ने कहा कि उपर्युक्त उपायों से करदाताओं को अनुपालना में आसानी होगी।
सस्ते घर के हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपए तकी की छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि 45 लाख रुपए तक का हाउसिंग लोन पर 3.5 लाख रुपए तक की छूट दी गई है। सस्ता घर खरीदने वालों को भी छूट मिलेगी। किफायती आवास को 1.5 लाख रुपए की अतिरिक्त टैक्स कटौती के रूप में और ज्यादा प्रोत्साहन दिया गया है। यह अतिरिक्त कटौती 45 लाख रुपए तक के मूल्य वाले किफायती मकान की खरीद के लिए 31 मार्च, 2020 तक लिए गए कर्ज पर अदा किए गए 2 लाख रुपए के ब्याज पर मिलने वाली टैक्स कटौती के अलावा होगी।
वित्त मंत्री ने कहा, ‘इस कदम की बदौलत किफायती मकान खरीदने वाले व्यक्ति को अब 3.5 लाख रुपए की बढ़ी हुई ब्याज संबंधी टैक्स कटौती का लाभ मिलेगा। इससे मध्यम वर्ग के मकान खरीदारों को 15 वर्षों की अपनी कर्ज अवधि के दौरान लगभग 7 लाख रुपए का लाभ मिलेगा।’ नेशनल हाउसिंग बैंक की रेगुलेटिंग अथॉरिटी अब रिजर्व बैंक को ट्रांसफर की जा रही है।
अमीरों पर लगाया ज्यादा कर
वित्त मंत्री ने अमीर लोगों पर ज्यादा टैक्स लगाने का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों की सालाना आय दो से पांच करोड़ रुपए तक है, उन्हें तीन फीसद ज्यादा टैक्स देना होगा और जिनकी सालाना आय पांच करोड़ रुपए से ज्यादा है, उन्हें सात फीसद ज्यादा टैक्स देना होगा। अगर एक करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश एक साल में एक बैंक से निकालते हैं, तो इसमें टीडीएस कटेगा।