भारतीय किसान संगठन अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की ओर बढ़ रहा है। 11 सितंबर को सहारनपुर से शुरू हुयी भारतीय किसान संगठन की पदयात्रा में सैकड़ों किसान शामिल हुए हैं। किसान अपनी मांगों को लेकर किसान घाट पहुंचेंगे। हालांकि प्रशासन उन्हें रोकने में जुटा है।
इसके मद्देनजर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। किसानों का कहना है कि अगर उनको रोका गया तो वो वहीं धरना देंगे और भूख हड़ताल करेंगे। पदयात्रा में शामिल किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही बिजली की कीमतों में हुई बढ़ोतरी वापस लेने, गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने की मांग भी कर रहे हैं। फिलहाल किसानों का झुंड नोएडा 69 के पास है।
भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने शुक्रवार को कहा था, "कृषि मंत्रालय के अधिकारियों और किसानों के बीच बातचीत विफल होने के बाद, हमारे पास अब एकमात्र विकल्प बचा है जो कि हमारी मांग की ओर ध्यान आकर्षित करेगा वह है दिल्ली तक मार्च करना।''
भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा, ''हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे कि अधिकारी हमारी मांगों को यहां सुनें। हमारी यात्रा ग्यारह दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन अब हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने वाले हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार ने हमारी बातों पर गौर क्यों नहीं किया।''
इसके मद्देनजर दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे पर सीआरपीएफ और दिल्ली पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। किसानों का कहना है कि अगर उनको रोका गया तो वो वहीं धरना देंगे और भूख हड़ताल करेंगे। पदयात्रा में शामिल किसान स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही बिजली की कीमतों में हुई बढ़ोतरी वापस लेने, गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करने की मांग भी कर रहे हैं। फिलहाल किसानों का झुंड नोएडा 69 के पास है।
भारतीय किसान संगठन के अध्यक्ष पूरन सिंह ने शुक्रवार को कहा था, "कृषि मंत्रालय के अधिकारियों और किसानों के बीच बातचीत विफल होने के बाद, हमारे पास अब एकमात्र विकल्प बचा है जो कि हमारी मांग की ओर ध्यान आकर्षित करेगा वह है दिल्ली तक मार्च करना।''
भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने कहा, ''हम अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रहे थे कि अधिकारी हमारी मांगों को यहां सुनें। हमारी यात्रा ग्यारह दिन पहले शुरू हुई थी, लेकिन अब हम अपनी मांगों को लेकर दिल्ली जाने वाले हैं। मुझे समझ नहीं आ रहा है कि सरकार ने हमारी बातों पर गौर क्यों नहीं किया।''