पेरिस। एक मुकदमे के कारण फ्रांस ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में मशहूर हो चुका मुर्गा "मौरिस" अब अपनी मर्जी से बांग दे सकता है। रोशफोर्ट की अदालत ने उसके हक में फैसला सुनाया है। मौरिस की मालकिन कोरिन फेस के पड़ोसी ने उसके खिलाफ बहुत अधिक शोर और उत्पात मचाकर आस-पड़ोस की शांति में खलल डालने का मुकदमा दर्ज कराया था।
इस केस को खारिज करते हुए जज ने कहा, "मुर्गे को बांग देने से नहीं रोका जा सकता। बांग देना उसकी प्रकृति है। इसके अलावा जहां यह मामला दर्ज हुआ वह ग्रामीण इलाका भी है।" कोर्ट ने फेस को 1100 डॉलर (करीब 80 हजार रुपए) का हर्जाना दिए जाने का भी आदेश दिया है।
अदालत में मौरिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जूलियन ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, "मौरिस ने अपनी लड़ाई जीत ली है। वह पड़ोसियों के लिए असहनीय नहीं बन रहा था। कोर्ट का फैसला इस बात की ताकीद है कि बुरी सोच वालों की हमेशा जीत नहीं होती। हमें प्रकृति को स्वीकार्य करना आना चाहिए।"
क्या था मामला
मौरिस और उसकी मालकिन फेस पर पड़ोस में रहने वाले दंपती ने मुकदमा किया था। सेवानिवृत्त यह दंपती छुट्टियां बिताने के लिए ओरेलन द्वीप स्थित अपने घर आए हुए थे। उनकी शिकायत थी कि मौरिस बहुत अधिक शोर मचाता था जिससे उनकी छुट्टियां खराब हो गईं।
मौरिस के समर्थन में थे हजारों
मुर्गे पर दर्ज मुकदमे के खिलाफ देशभर के हजारों लोग एकजुट हो गए थे। कई इस मामले को ग्रामीण इलाके के खत्म होते मूल्यों से जोड़ रहे थे। फेस के दूसरे पड़ोसियों ने भी मुर्गे के हक में आवाज उठाई थी। इलाके के मेयर ने मुर्गे के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए अध्यादेश भी पास किया था।
इस केस को खारिज करते हुए जज ने कहा, "मुर्गे को बांग देने से नहीं रोका जा सकता। बांग देना उसकी प्रकृति है। इसके अलावा जहां यह मामला दर्ज हुआ वह ग्रामीण इलाका भी है।" कोर्ट ने फेस को 1100 डॉलर (करीब 80 हजार रुपए) का हर्जाना दिए जाने का भी आदेश दिया है।
अदालत में मौरिस का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील जूलियन ने फैसले पर खुशी जताते हुए कहा, "मौरिस ने अपनी लड़ाई जीत ली है। वह पड़ोसियों के लिए असहनीय नहीं बन रहा था। कोर्ट का फैसला इस बात की ताकीद है कि बुरी सोच वालों की हमेशा जीत नहीं होती। हमें प्रकृति को स्वीकार्य करना आना चाहिए।"
क्या था मामला
मौरिस और उसकी मालकिन फेस पर पड़ोस में रहने वाले दंपती ने मुकदमा किया था। सेवानिवृत्त यह दंपती छुट्टियां बिताने के लिए ओरेलन द्वीप स्थित अपने घर आए हुए थे। उनकी शिकायत थी कि मौरिस बहुत अधिक शोर मचाता था जिससे उनकी छुट्टियां खराब हो गईं।
मौरिस के समर्थन में थे हजारों
मुर्गे पर दर्ज मुकदमे के खिलाफ देशभर के हजारों लोग एकजुट हो गए थे। कई इस मामले को ग्रामीण इलाके के खत्म होते मूल्यों से जोड़ रहे थे। फेस के दूसरे पड़ोसियों ने भी मुर्गे के हक में आवाज उठाई थी। इलाके के मेयर ने मुर्गे के अधिकार सुरक्षित रखने के लिए अध्यादेश भी पास किया था।