शिवपुरी।आज गणेश चतुर्थी का महा पर्व है जिसमे लोग अपने घरो में गणपति जी की प्रतिमा विराजमान करते है और 11 पूजा करके सेवा करके उनको विसर्जित कर देते है लेकिन कुछ टाइम से अनोखे और अलग डिजाइन होने की वजह से लोग पीओपी की प्रतिमाओं को ज्यादा महत्व देते है जिस वजह से इस बार मार्किट में पीओपी के गणेश जी की प्रतिमाये बहुत ज्यादा देखने को मिली।देखा जाए तो शास्त्रों के हिसाब से मिटटी के गणेश जी की पूजा ही सर्वोत्तम मानी जाती है लेकिन आजकल लोग मिटटी के गणेश जी को भूल कर पीओपी की मूर्तियों की तरफ भाग रहे है।
जान लीजिये पीओपी की प्रतिमा से होने वाले नुक्सान-
पीओपी की मूर्ति से पर्यावरण में बहुत नुक्सान होता है. ये पानी में देर से घुलती है जिस वजह पीओपी की मूर्तियां महीनो तक तालाबों में पड़ी रहती है वैसी की वैसी।जिस वजह से तालाब का वातावरण भी ख़राब हो जाता है और इसमें ऐसा केमिकल मिला होता है की तालाब में मौजूद मछलियां भी मर जाती है।
आप सभी से हमारी तरफ से निवेदन है की पीओपी की मूर्ति न ले कर भले ही छोटी सी मिटटी की ले लो और अपने पर्यावरण को बचा कर रखो।बोलो गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया।
जान लीजिये पीओपी की प्रतिमा से होने वाले नुक्सान-
पीओपी की मूर्ति से पर्यावरण में बहुत नुक्सान होता है. ये पानी में देर से घुलती है जिस वजह पीओपी की मूर्तियां महीनो तक तालाबों में पड़ी रहती है वैसी की वैसी।जिस वजह से तालाब का वातावरण भी ख़राब हो जाता है और इसमें ऐसा केमिकल मिला होता है की तालाब में मौजूद मछलियां भी मर जाती है।
आप सभी से हमारी तरफ से निवेदन है की पीओपी की मूर्ति न ले कर भले ही छोटी सी मिटटी की ले लो और अपने पर्यावरण को बचा कर रखो।बोलो गणपति बाप्पा मोरेया मंगल मूर्ति मोरेया।