राजानल शर्मा की रिपोर्ट। सुखी जीवन के उपाय जानने की ईच्छा आज हर किसी को होती है। इसके लिए हर व्यक्ति भरपूर कोशिश भी करता है। लेकिन कई बार कोशिश करने के बाद भी सुखी जीवन में अड़चने आ जाती है जिससे व्यक्ति हताश-निराश हो जाता है।
इंसान की चाहत होती है कि वो जिंदगी को अपने तरीके से जिये। लेकिन जब जिंदगी अच्छे से नहीं की जी रहा होता है, तब वह अपनी किस्मत को कोसने लगता है। अगर कोई काम बिगड़ जाए तो वह अपनी किस्मत पर आरोप लगाने लगता है वह खुशी तो सहन कर लेता है पर जहां गम की बारी आयी तो वही पुरानी बात कि मेरी किस्मत ही बेकार है। इंसान यह समझता है कि वह समय काट रहा है पर उसे यह कहां पता है कि समय उसके हिस्से के हर वो पल को नष्ट कर रहा है ,जिसे वह चाहता तो उन पलों का उपयोग कर सकता था । इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम नीचे कुछ बिंदु बताने जा रहे हैं । जिसके पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन के कुछ पलों को खुशी-खुशी से बिता सकता है :-
लक्ष्य को प्राप्त करें -
किसी की परवाह किए बगैर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए । क्योंकि जितनी मुंह उतनी बातें तो होगी । यह संसार ऐसा ही है आप कुछ अच्छा करने जाएंगे तो वह आपको टोक देगा।
अपने दिल की सुने -
हम अगर किसी काम को खुश होकर करेंगे तो उसका आनंद ही अलग आता है। हम अगर कोई निर्णय दिल से़ लेंगे तो वह निर्णय आप पर किसी का थोपा हुआ
निर्णय नहीं होगा । वह आपका स्वयं का निर्णय होगा ।
सब से प्रेम करें -
आप अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं तो सब से प्रेम करना सीख ले क्योंकि जीवन में खुश रहना ही काफी नहीं है खुश रखना भी आना चाहिए । ताली एक हाथ से नहीं बजती है दोनों हाथों का उपयोग करना पड़ता है ।
सम रहना सीखें -
सुख और दुख जीवन के दो किनारे हैं हर व्यक्ति को नदी पार करने के लिए एक किनारे से दूसरे किनारे पर जाना ही पड़ता है । इसलिए दोनों परिस्थिति में एक समान रहना चाहिए।
आत्मविश्वास ही बने -
किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास तब टूटता है। जब कोई अपना चोट पहुंचाए , दूर चला जाए ,कोई मजाक उड़ाए और आपको कायर या कमजोर कहे । आपका हर फैसला आपका है, तो कोई आपके आत्मविश्वास को कैसे गिरा सकता है ।अगर किसी ने कुछ कह दिया या कोई अप्रिय घटना घट गई। यह आपकी समझ के ऊपर निर्भर करता है कि आप कमजोर पड़ते हैं या उसका डटकर मुकाबला करते हैं और आत्मविश्वास बनकर डटे रहते हैं।
इंसान की चाहत होती है कि वो जिंदगी को अपने तरीके से जिये। लेकिन जब जिंदगी अच्छे से नहीं की जी रहा होता है, तब वह अपनी किस्मत को कोसने लगता है। अगर कोई काम बिगड़ जाए तो वह अपनी किस्मत पर आरोप लगाने लगता है वह खुशी तो सहन कर लेता है पर जहां गम की बारी आयी तो वही पुरानी बात कि मेरी किस्मत ही बेकार है। इंसान यह समझता है कि वह समय काट रहा है पर उसे यह कहां पता है कि समय उसके हिस्से के हर वो पल को नष्ट कर रहा है ,जिसे वह चाहता तो उन पलों का उपयोग कर सकता था । इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए हम नीचे कुछ बिंदु बताने जा रहे हैं । जिसके पालन करने से व्यक्ति अपने जीवन के कुछ पलों को खुशी-खुशी से बिता सकता है :-
लक्ष्य को प्राप्त करें -
किसी की परवाह किए बगैर अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहिए । क्योंकि जितनी मुंह उतनी बातें तो होगी । यह संसार ऐसा ही है आप कुछ अच्छा करने जाएंगे तो वह आपको टोक देगा।
अपने दिल की सुने -
हम अगर किसी काम को खुश होकर करेंगे तो उसका आनंद ही अलग आता है। हम अगर कोई निर्णय दिल से़ लेंगे तो वह निर्णय आप पर किसी का थोपा हुआ
निर्णय नहीं होगा । वह आपका स्वयं का निर्णय होगा ।
सब से प्रेम करें -
आप अच्छी जिंदगी जीना चाहते हैं तो सब से प्रेम करना सीख ले क्योंकि जीवन में खुश रहना ही काफी नहीं है खुश रखना भी आना चाहिए । ताली एक हाथ से नहीं बजती है दोनों हाथों का उपयोग करना पड़ता है ।
सम रहना सीखें -
सुख और दुख जीवन के दो किनारे हैं हर व्यक्ति को नदी पार करने के लिए एक किनारे से दूसरे किनारे पर जाना ही पड़ता है । इसलिए दोनों परिस्थिति में एक समान रहना चाहिए।
आत्मविश्वास ही बने -
किसी व्यक्ति का आत्मविश्वास तब टूटता है। जब कोई अपना चोट पहुंचाए , दूर चला जाए ,कोई मजाक उड़ाए और आपको कायर या कमजोर कहे । आपका हर फैसला आपका है, तो कोई आपके आत्मविश्वास को कैसे गिरा सकता है ।अगर किसी ने कुछ कह दिया या कोई अप्रिय घटना घट गई। यह आपकी समझ के ऊपर निर्भर करता है कि आप कमजोर पड़ते हैं या उसका डटकर मुकाबला करते हैं और आत्मविश्वास बनकर डटे रहते हैं।