कुछ सालों से इंटरनेट के उपयोग के कारण ज्यादातर काम ऑनलाइन किए जाने लगे हैं। इससे डाटा चोरी की घटनाएं बढ़ रही हैं। इस कारण देश में डाटा प्रोटेक्शन कानून लाने की तैयारी की जा रही है। शीतकालीन सत्र में पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल लोकसभा में रखा भी गया था। बजट सत्र में एक बार फिर इस पर चर्चा की उम्मीद है। इधर यूरोप के देशों में जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेग्युलेशन(जीडीपीआर) लागू करने के बाद से डाटा चोरी करने वाली कंपनियों पर शिकंजा कसा है। सायबर एक्सपर्ट का मानना है कि भारत में कानून बनने से कंपनियों को लोगों के डाटा का गलत उपयोग करने व किसी और को देने में सौ बार सोचना होगा। बता दें कि डाटा की सुरक्षा के लिए कोई व्यापक इंतजाम नहीं होने पर कई लोगों की व्यक्तिगत बैंकिंग और अन्य जानकारियां दांव पर लगी हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) की रिपोर्ट में भी इस बात को उजागर किया किया है कि एटीएम, डेबिट-क्रेडिट कार्ड, नेट बैंकिग में फर्जीवाड़ा होने के मामले कुछ सालों में काफी तेजी से बढ़ रहे हैं।
जीडीपीआर की तरह कानून आने से कंपनियां डाटा लीक करने से डरेंगी :
सायबर इंस्पेक्टर अभिषेक सोनरे के मुताबिक यूरोप में जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) कानून लागू कर दिया है। इसकी तुलना में भारत काफी पीछे है। सायबर क्राइम इंस्पेक्टर लोकपाल सिंह भदौरिया के मुताबिक अभी ऐसी कोई एजेंसी नहीं है, जो डाटा की गोपनीयता को सुरक्षा प्रदान करें। हालांकि कुछ अधिनियम हैं, जिनके तहत डाटा संरक्षण दिशानिर्देश दिए गए हैं। लेकिन, वे भी दिखाने भर के हैं। इसलिए ऐसे सख्त कानून की जरूरत है, जो लोगा का डाटा सुरक्षित कर सके।
जीडीपीआर की तरह कानून आने से कंपनियां डाटा लीक करने से डरेंगी :
सायबर इंस्पेक्टर अभिषेक सोनरे के मुताबिक यूरोप में जनरल डाटा प्रोटेक्शन रेगुलेशन (जीडीपीआर) कानून लागू कर दिया है। इसकी तुलना में भारत काफी पीछे है। सायबर क्राइम इंस्पेक्टर लोकपाल सिंह भदौरिया के मुताबिक अभी ऐसी कोई एजेंसी नहीं है, जो डाटा की गोपनीयता को सुरक्षा प्रदान करें। हालांकि कुछ अधिनियम हैं, जिनके तहत डाटा संरक्षण दिशानिर्देश दिए गए हैं। लेकिन, वे भी दिखाने भर के हैं। इसलिए ऐसे सख्त कानून की जरूरत है, जो लोगा का डाटा सुरक्षित कर सके।
ये जानकारियां निजी डाटा में शामिल होंगी
भारत सरकार ने जो बिल लोकसभा में पेश किया है, उसके मुताबिक संवेदनशील व्यक्तिगत डाटा में वित्तीय जानकारी, अनुवांशिक, स्वास्थ्य, जाति, बायोमेट्रिक और किसी धर्म या राजनीतिक विचारधारा से संबंधित होने व अन्य जानकारियों को व्यक्तिगत डाटा माना जाएगा।
प्रस्तावित एक्ट के प्रमुख बिंदु
- व्यक्तिगत डाटा चोरी करना या बेचना अपराध माना जाएगा।
- डाटा चोरी करने वाली कंपनी पर 15 करोड़ रुपए या ग्लोबल टर्न ओवर का 4 प्रतिशत जुर्माना।
भारत में 24 करोड़ लोग फेसबुक चलाते हैं
सायबर एक्सपर्ट शोभित शर्मा ने बताया कि सरकार भी व्यक्तिगत डाटा को गंभीरता से ले रही है। सूचना की गोपनीयता भी उसी का हिस्सा है। हाल के समय में फेसबुक भी डाटा की गोपनीयता की बात को कबूल कर चुका है। फेसबुक से डाटा लीक होने की खबरें भी समय-समय पर आती रही हैं। भारत में फेसबुक का उपयोग करने का एक बड़ा आंकड़ा है। भारत में अभी करीब 24 करोड़ लोग फेसबुक चलाते हैं।