राजधानी दिल्ली में उपद्रवियों की हिंसा का शिकार हुए हेड कांस्टेबल रतनलाल को शहीद का दर्जा देने की मांग उठी है। रतनलाल मूलत राजस्थान के सीकर जिले के रहने वाले है। मंगलवार को उनके गांव से लेकर राजस्थान विधानसभा तक उन्हें शहीद का दर्जा देेने की मांग उठी। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया ने रतनलाल की मौत पर दुख पर प्रकट किया है। बताया जा रहा है कि बुधवार को उनके पैतृक गांव में उनका अंतिम संस्कार होगा।
रतन लाल सीकर जिले के तिहावली गांव के रहने वाले है। उनकी मौत की खबर आने के बाद से गांव में शोक की लहर है। गांव की पंचायत पर उमडे ग्रामीणों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने के साथ ही आश्रितों को मआवजा देने और गांव के स्कूल के स्टेडियम का नाम रतनलाल के नाम पर रखने की मांग की है।
रतनलाल की मां संतरा देवी और भाई दिनेश गांव में ही परिवार के साथ रहते है। वहीं एक अन्य भाई बंगलूरू में रहते है। परिजन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दो दिन पहले ही रतनलाल ने फोन पर मां और छोटे भाई से बातचीत की थी। तब रतनलाल ने मां से कहा था कि इस बार छुट्टी लेकर परिवार के साथ होली पर वह गांव आएंगे। यहीं, परिवार और गांव के दोस्तों के साथ होली मनाएंगे।ग्रामीणों ने बताया कि करीब ढाई साल पहले ही रतनलाल के पिता बृजमोहन बारी की मौत हुई थी। तीन भाईयों में रतनलाल सबसे बड़े थे। उनका एक छोटा भाई दिनेश गांव में ही खेतीबाड़ी और गाड़ी चलाकर परिवार का पेट भरता है। वहीं, एक अन्य छोटा भाई रमाकांत बैंगलोर में रहकर निजी कामकाज करता है। रतनलाल 1998 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। उनके परिवार में 12 साल की बेटी सिद्धि, 10 साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है।
विधानसभा में भी उठी मांग- राजस्थान विधानसभा में उठी. बजट बहस के दौरान सदन में फतेहपुर से आने वाले विधायक हाकम अली ने बताया कि रतनलाल उनके ही विधानसभा क्षेत्र के निवासी है और बुधवार को उनकी अंत्येष्टि होगी। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि उनको शहीद का दर्जा दिया जाए और उनकी अंत्येष्टि में वो ही सम्मान दिया जाए जो शहीद को दिया जाता है। रतनलाल को राजस्थान विधानसभा में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में भी दो मिनिट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।
नेताओं ने शोक प्रकट किया- रतनलाल की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टवीट कर लिखा कि दिल्ली में भड़की हिंसा में हेड कांस्टेबल रतन लाल के देहांत से बेहद दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा करता हूं और दिल्ली में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों से आग्रह करता हूं। वहीं इस मामले पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी दुख जताते हुए लिखा कि दिल्ली हिंसा में दिल्ली पुलिस के सीकर निवासी हेड कांस्टेबल रतनलाल जी की मृत्यु दुःखद है। मैं ईश्वर से परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूं। प्रदेश सरकार परिजनों के दुःख में पूरी तरह साथ है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि दिल्ली पुलिस के जवान रतन लाल जी को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि. दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिजनों के साथ खड़े हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जब तक देश में शहीद रतनलाल जैसे सपूत हैं. तब तक देश में चल रही आंतरिक हिंसा भारत को तोड नहीं सकती।
रतन लाल सीकर जिले के तिहावली गांव के रहने वाले है। उनकी मौत की खबर आने के बाद से गांव में शोक की लहर है। गांव की पंचायत पर उमडे ग्रामीणों ने उन्हें शहीद का दर्जा देने के साथ ही आश्रितों को मआवजा देने और गांव के स्कूल के स्टेडियम का नाम रतनलाल के नाम पर रखने की मांग की है।
रतनलाल की मां संतरा देवी और भाई दिनेश गांव में ही परिवार के साथ रहते है। वहीं एक अन्य भाई बंगलूरू में रहते है। परिजन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि दो दिन पहले ही रतनलाल ने फोन पर मां और छोटे भाई से बातचीत की थी। तब रतनलाल ने मां से कहा था कि इस बार छुट्टी लेकर परिवार के साथ होली पर वह गांव आएंगे। यहीं, परिवार और गांव के दोस्तों के साथ होली मनाएंगे।ग्रामीणों ने बताया कि करीब ढाई साल पहले ही रतनलाल के पिता बृजमोहन बारी की मौत हुई थी। तीन भाईयों में रतनलाल सबसे बड़े थे। उनका एक छोटा भाई दिनेश गांव में ही खेतीबाड़ी और गाड़ी चलाकर परिवार का पेट भरता है। वहीं, एक अन्य छोटा भाई रमाकांत बैंगलोर में रहकर निजी कामकाज करता है। रतनलाल 1998 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुए थे। उनके परिवार में 12 साल की बेटी सिद्धि, 10 साल की बेटी कनक और सात साल का बेटा राम है।
विधानसभा में भी उठी मांग- राजस्थान विधानसभा में उठी. बजट बहस के दौरान सदन में फतेहपुर से आने वाले विधायक हाकम अली ने बताया कि रतनलाल उनके ही विधानसभा क्षेत्र के निवासी है और बुधवार को उनकी अंत्येष्टि होगी। ऐसे में सरकार से उनकी मांग है कि उनको शहीद का दर्जा दिया जाए और उनकी अंत्येष्टि में वो ही सम्मान दिया जाए जो शहीद को दिया जाता है। रतनलाल को राजस्थान विधानसभा में हुई भाजपा विधायक दल की बैठक में भी दो मिनिट मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।
नेताओं ने शोक प्रकट किया- रतनलाल की मौत पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने टवीट कर लिखा कि दिल्ली में भड़की हिंसा में हेड कांस्टेबल रतन लाल के देहांत से बेहद दुखी हूं। उनके परिवार के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। मैं हिंसा के सभी कृत्यों की निंदा करता हूं और दिल्ली में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए अधिकारियों से आग्रह करता हूं। वहीं इस मामले पर उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने भी दुख जताते हुए लिखा कि दिल्ली हिंसा में दिल्ली पुलिस के सीकर निवासी हेड कांस्टेबल रतनलाल जी की मृत्यु दुःखद है। मैं ईश्वर से परिजनों को संबल देने की प्रार्थना करता हूं। प्रदेश सरकार परिजनों के दुःख में पूरी तरह साथ है।
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि दिल्ली पुलिस के जवान रतन लाल जी को भावपूर्ण श्रद्धाजंलि. दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिजनों के साथ खड़े हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि जब तक देश में शहीद रतनलाल जैसे सपूत हैं. तब तक देश में चल रही आंतरिक हिंसा भारत को तोड नहीं सकती।