कोरोना संकट से निपटने के लिए गठित नेशनल टास्क फोर्स ने मलेरिया की दवा (हाइड्रोक्सी-क्लोरोक्विन) के इस्तेमाल को लेकर एक अहम एडवाइजरी जारी की है। इसके तहत हर किसी को कोरोना की आशंका के आधार पर इसके सेवन से बचने की हिदायत दी है। साथ ही कहा है कि इसे सिर्फ हाइरिस्क में काम करने वाले लोगों को ही दिया जाए। जिसमें हेल्थकेयर वर्कर या फिर जिनके टेस्ट में इसकी पुष्टि हो गई है। दरअसल अमेरिका और फ्रांस की ओर से इसके प्रभावी होने की बात कहे जाने के बाद लोगों द्वारा इस दवा का अपने आप से दवा की दुकानों से खरीदकर इस्तेमाल करने की सूचनाएं मिल रही थीं। इस पर टास्क फोर्स ने दवा विक्रेताओं से इस दवा को सिर्फ रजिस्टर्ड डाक्टरों के पर्चे पर ही किसी को देने का निर्देश दिया है। वहीं ड्रग्स कंट्रोलर जनरल आफ इंडिया से इसके प्रतिबंधित इस्तेमाल की मंजूरी देने की भी सिफारिश की है। आईसीएमआर ने यह निर्देश इसलिए भी अहम है, क्योंकि मलेरिया के इलाज में इस्तेमाल होने वाली इस दवा को भले ही उसने कोरोना के इलाज में उपयुक्त पाया है, लेकिन अभी इस इलाज को लेकर कोई ट्रायल नहीं हुआ है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह हानिकारक भी हो सकती है। (इनसेट)हाइरिस्क मामले में इस तरह करें इस्तेमाल आईसीएमआर ने अपनी एडवाइजरी में हाइरिस्क में काम करने वालों लोगों को किस तरह से देना है यह अच्छी तरह समझाया है। इसके तहत कोरोना पाजिटिव मिलने पर पहले दिन पूरे दिन में दो बार 400 मिलीग्राम दी जाए। जबकि अगले सात हफ्ते तक इसे हर हफ्ते सिर्फ एक बार 400 मिलीग्राम (एमजी) खाने के साथ ही दी जाए। वहीं 15 साल से कम उम्र के बच्चों को इसे कतई न देने की सलाह दी गई है।
कोरोना से बचाव के लिए हर कोई ना लेना मलेरिया की दवाई,सरकार ने जारी की एडवाइजरी
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