नित ये प्रयास हैं कि
प्रतिपल भुजबल
कर धो के आना है
आँख कान नाक आदि
प्राण के प्रतीक हैं ये
भूल के भी इन्हे कभी
हाथ ना लगाना है
बाहर निकलना और
मित्रों संग घूमना ये
इक्कीस दिनों तक
भूल सब जाना है
माननीय मोदी जी ने
कदम बढ़ाया है जो
सुंदर विचार है ये
सब को बताना है
यदि कोई दुर्बल हो
भूखा अकेला हो तो
डरना ना साहस से
कदम ये उठाना है
के जब भी जरूरी पडे
खाना और मेडिकल तो
हेल्प लाइन नंबर पे
फोन को घुमाना है
जान से बड़ी ना कोई
संपदा ना धन् कोई
घर में ही रह निज
प्राण को बचाना है
के काम लोभ धन लोभ
मित्र लोभ और हमें
सब लोभ त्याग वक़्त
घर में बिताना है
अल्हड़ अबोध आयु
मुखड़े है चंद्रमा से
दीर्घ आयु यदि हमें
खुद को बनाना है
तो, घर से निकलते ही
कुछ दूर चलने से
पहले ही मुखड़े पे
मास्क को लगाना है
कर के प्रतिज्ञा और
लेना है संकल्प ये कि
किसी भी दशा में हमे
बाहर ना जाना है
के लेके यही फैसला
दिखा के बुद्धिबल खुद
घर में ही रह के
कोरोना को हराना है।
घर में ही रह के
कोरोना को हराना है
कोरोना हारेगा देश जीतेगा
जय हिंद!!
रघुराज सिंह शेखावत
(राष्ट्रीय सेवा योजना)
पंडित एस एन शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल (म.प्र.)