उल्लेखनीय है कि हर साल एक अप्रैल से स्कूलों में शिक्षण सत्र शुरू हो जाता है, जो 22 अप्रैल तक जारी रहता है। इसके बाद गर्मियों की छुट्टी शुरू हो जाती है। 16 जून से फिर स्कूल खुल जाते हैं। इस वर्ष कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के कारण स्कूल नहीं खुले और आगे भी स्कूल खुलने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है। ऐसे में न तो बच्चों के एडमिशन नहीं और न ही पढ़ाई हुई। ऐसी स्थिति देखकर स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन कक्षाएं शुरू की हैं। लॉकडाउन के कारण स्कूल नहीं खुले। इस कारण बच्चों का कोर्स पूरा नहीं हो पाया। ऐसे में तिमाही व छमाही परीक्षाएं कराना स्कूलों में मुश्किल होगा। वहीं ऑनलाइन कक्षाओं का फायदा बच्चे कितना उठा पा रहे हैं, इसका अंदाजा भी मासिक मूल्यांकन से लगाया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग इस संबंध में जल्द ही मूल्यांकन संबंधी कार्ययोजना बनाकर जारी करेगा। मासिक मूल्यांकन के अंकों को प्रोग्रेस रिपोर्ट कार्ड में भी शामिल किया जाएगा।
पहली से आठवीं तक के लिए रेडियो कार्यक्रम और 9वीं से 12वीं तक के लिए डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम
स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जहां पहली से आठवीं कक्षा के लिए शैक्षणिक रेडियो कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। वहीं 9वीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थयों के लिए डिजिटल लर्निंग प्रोग्राम (डिजिलेप) के तहत और दूरदर्शन के माध्यम से सभी विषयों की पढ़ाई कराई जा रही है। इसके साथ ही वाट्सएप ग्रुप केमाध्यम से ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा रही हैं। इसमें शिक्षक विद्यार्थियों को दिया गया कार्य (असाइनमेंट) भी दे रहे हैं। विद्यार्थियों को इन असाइनमेंट को बनाकर रखना है, जब स्कूल खुलेंगे तो उनके असाइनमेंट की जांचकर उन्हें अंक भी दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को सभी विषयों में प्रोजेक्ट भी दिए जाएंगे। खासतौर पर 10वीं व 12वीं के विद्यार्थियों को प्रोजेक्ट वर्क दिए जाएंगे।
प्री-वार्षिक व फर्स्ट प्री-बोर्ड भी नहीं होगा
इस साल से 9वीं व 11वीं कक्षा में प्री-वार्षिक परीक्षाएं शुरू की गई थीं। वहीं 10वीं और 12वीं में भी इस साल से फर्स्ट प्री-बोर्ड परीक्षाएं शुरू की गईं। इस बार कक्षाएं नहीं लगने के कारण यह सभी परीक्षाएं नहीं ली जाएंगी।
ऑनलाइन कक्षाओं के माध्यम से पढ़ाई हो रही है, इसलिए हर माह बच्चों का मूल्यांकन होगा। स्कूल नहीं खुले ऐसे में तिमाही व छमाही जैसी परीक्षाएं लेना सही नहीं होगा।
- रश्मि अरूण शमी, प्रमुख सचिव, मप्र स्कूल शिक्षा