मध्य प्रदेश में प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वनिधि योजना के तहत फुटपाथ या फेरी लगाकार व्यवसाय करने वालों को एक हजार करोड़ रुपये का कर्ज बैंकों से दिलाया जाएगा। इसके लिए 378 नगरीय निकायों के आठ लाख से ज्यादा पंजीयन हो चुके हैं। योजना में प्रत्येक हितग्राही को दस हजार रुपये का कर्ज बैंक से दिलाया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि योजना के दायरे में ग्रामीण क्षेत्रों को भी शामिल किया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई इस योजना में व्यवसायियों को दस हजार रुपए दिलाए जाएंगे। इसमें सात प्रतिशत ब्याज का भुगतान केंद्र सरकार करेगी। इसके ऊपर का ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज की गारंटी राज्य सरकार लेगी। शहरी असंगठित कामगार पोर्टल पर आठ लाख से अधिक पथ विक्रेताओं का पंजीयन हो चुका है। मध्य प्रदेश में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा है। योजना अभी 378 नगरीय निकायों में लागू की गई है। इसमें ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया है, जो 24 मार्च 2020 के पहले शहरी क्षेत्रों में पथ विक्रेता का काम करते थे। निकाय का टाउन वेंडिंग सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र होने पर योजना का लाभ मिलेगा।
पंजीकृत विक्रेताओं में 62 फीसद पुरुष
दस हजार रुपये का कर्ज हासिल करने के लिए जिन व्यवसासियों ने पंजीयन कराया है, इसमें 62 फीसद पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। सर्वाधिक विक्रेता 28.36 प्रतिशत सब्जी के व्यवसाय करते हैं। वहीं, 10.27 प्रतिशत कपड़ा, 7.23 प्रतिशत फल और 6.84 प्रतिशत खाने-पीने की वस्तुओं का व्यवसाय करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कर्ज की गारंटी राज्य सरकार लेगी। शहरी असंगठित कामगार पोर्टल पर आठ लाख से अधिक पथ विक्रेताओं का पंजीयन हो चुका है। मध्य प्रदेश में एक हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज वितरण का लक्ष्य रखा है। योजना अभी 378 नगरीय निकायों में लागू की गई है। इसमें ऐसे पथ विक्रेताओं को शामिल किया है, जो 24 मार्च 2020 के पहले शहरी क्षेत्रों में पथ विक्रेता का काम करते थे। निकाय का टाउन वेंडिंग सर्टिफिकेट और पहचान-पत्र होने पर योजना का लाभ मिलेगा।
पंजीकृत विक्रेताओं में 62 फीसद पुरुष
दस हजार रुपये का कर्ज हासिल करने के लिए जिन व्यवसासियों ने पंजीयन कराया है, इसमें 62 फीसद पुरुष और 38 प्रतिशत महिलाएं हैं। सर्वाधिक विक्रेता 28.36 प्रतिशत सब्जी के व्यवसाय करते हैं। वहीं, 10.27 प्रतिशत कपड़ा, 7.23 प्रतिशत फल और 6.84 प्रतिशत खाने-पीने की वस्तुओं का व्यवसाय करते हैं।