भोपाल सहित मध्य प्रदेश के सभी जिलों में यात्री बसों के संचालन के लिए जल्द बस संचालक फैसला ले सकते हैं। टैक्स माफी पर अड़े बस संचालक 7 जुलाई को इंदौर में जुटेंगे। बैठक कर बसों का संचालन शुरू करने पर एक राय बना सकते हैं। साथ ही टैक्स माफी, डीजल के दाम बढ़ने से 60 फीसद किराया बढ़ोतरी, चालक-परिचालक, हेल्परों को कोरोना योद्धा मानकर सरकार से बीमा कराने की मांग को लेकर आगे की रणनीति बनाई जाएगी। मप्र प्राइम रूट एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद शर्मा ने बताया कि पहले सोमवार को भोपाल में प्रदेश के बस संचालकों की बैठक रखने पर सहमति बनी थी।
सोमवार से सावन माह शुरू हो जा रहा है, इसलिए अब मंगलवार दोपहर 2 बजे इंदौर में खंडवा रोड पर एक रेस्टोरेंट में बैठक रखी है। हमारी शासन से यही मांग है कि टैक्स माफ किया जाए। सबसे पहले तीन महीने (अप्रैल, मई, जून) का टैक्स माफ किया जाए। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर का भी टैक्स माफ हो, क्योंकि बसों का संचालन शुरू करने पर ज्यादा सवारी नहीं मिलेंगी। जिससे बस संचालकों का घाटा होना तय है। डीजल बढ़ा है तो किराए में भी बढ़ोतरी की जाए।
शुक्रवार को गृह विभाग ने सामान्य रूप से प्रदेश के जिलों में बस संचालन का आदेश जारी किया था। टैक्स माफी, किराया बढ़ोतरी सहित अन्य मांगों पर अड़े बस संचालकों ने शनिवार से बसों का संचालन नहीं किया। भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बसों के पहिए थमे रहे। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) सहित निजी बस संचालकों की भी बसें नहीं चलीं। वहीं, शासन बस संचालकों की मांगों पर मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने पर नीतिगत फैसला ले सकता है, तब तक फिलहाल बसों का संचालन होना मुश्किल है।
सोमवार से सावन माह शुरू हो जा रहा है, इसलिए अब मंगलवार दोपहर 2 बजे इंदौर में खंडवा रोड पर एक रेस्टोरेंट में बैठक रखी है। हमारी शासन से यही मांग है कि टैक्स माफ किया जाए। सबसे पहले तीन महीने (अप्रैल, मई, जून) का टैक्स माफ किया जाए। इसके बाद जुलाई, अगस्त, सितंबर का भी टैक्स माफ हो, क्योंकि बसों का संचालन शुरू करने पर ज्यादा सवारी नहीं मिलेंगी। जिससे बस संचालकों का घाटा होना तय है। डीजल बढ़ा है तो किराए में भी बढ़ोतरी की जाए।
शुक्रवार को गृह विभाग ने सामान्य रूप से प्रदेश के जिलों में बस संचालन का आदेश जारी किया था। टैक्स माफी, किराया बढ़ोतरी सहित अन्य मांगों पर अड़े बस संचालकों ने शनिवार से बसों का संचालन नहीं किया। भोपाल सहित पूरे प्रदेश में बसों के पहिए थमे रहे। भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीसीएलएल) सहित निजी बस संचालकों की भी बसें नहीं चलीं। वहीं, शासन बस संचालकों की मांगों पर मंत्रियों के विभागों का बंटवारा होने पर नीतिगत फैसला ले सकता है, तब तक फिलहाल बसों का संचालन होना मुश्किल है।