अब नेशनल हाईवे पर सफर करते समय वाहन चालकों को बार-बार टोल प्लाजा पर रूकना नहीं पड़ेगा क्योंकि देश में दो साल में सभी नेशनल हाईवे पर लगे टोल प्लाजा सेंटर को हटा लिया जाएगा। लेकिन यदि आप यदि सोच रहे हैं कि टोल प्लाजा हटने के बाद टोल फीस भी नहीं लगेगी तो ऐसा नहीं है। दरअसल नेशनल हाईवे पर टोल प्लाजा सेंटर पर बार-बार रूकने की झंझट से बचने के लिए जीपीएस तकनीक पर तेजी से काम चल रहा है और दो साल के अंदर देश के सभी टोलप्लाजा जीपीएस तकनीक पर काम करने लगेंगे।
केंद्रीय सड़क व परिवहन मंत्री नीतीन गडकरी ने गुरुवार को बताया कि जीपीएस तकनीक से काम करने वाले टोल प्लाजा में वाहनों को लंबी कतार में नहीं लगना पड़ेगा। टोल राशि स्वचालित रूप से वाहनों के काटी जा सकेगी। इसके लिए जीपीएस तकनीक पर प्रयोग चल रहा है और जल्द इसे लागू कर दिया जाएगा।
गुरुवार को एसोचैम के सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नीतीन गडकरी ने कहा कि मंत्रालय जीपीएस तकनीक पर आधारित टोलिंग के उपयोग करने के प्रस्ताव पर काम कर रहा है और उन्होंने कहा कि अब भविष्य में आने वाले सभी वाहन भी जीपीएस सिस्टम से जुड़े रहेंगे। गडकरी ने बताया कि वर्तमान वित्त वर्ष में नेशनल हाईवे से टोल संग्रह करबी 34 हजार करोड़ रुपए रहा, जबकि पिछले साल 24000 करोड़ रुपए का कर संग्रह हुआ था। साथ ही केंद्रीय मंत्री ने मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही अन्य परियोजनाओं के बारे में भी जानकारी दी।
सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1300 किलोमीटर लंबे दिल्ली-मुंबई ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे को 50 फीसदी काम पूरा हो चुका है और अगले दो वर्षों में यह काम भी पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने उम्मीद जताई है कि बेंगलुरु और चेन्नई के बीच एक्सप्रेस वे का काम भी दो वर्षों में पूरा कर लिया जाएगा। वहीं दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे भी जल्द ही पूरा हो जाएंगे जिससे इन शहरों के बीच की दूरी 4.45 घंटे में पूरी हो जाएगी। केंद्रीय मंत्री नीतीन गडकरी ने कहा कि दिल्ली-अमृतसर-कटरा और अमृतसर-अजमेर को जोड़ने वाली परियोजनाओं का काम भी अगले महीने शुरू हो जाएगा।