ग्वालियर। प्लाज्मा कांड में पुलिस ने अजय त्यागी आैर महेश काे गिरफ्तार किया था। आराेपित महेश की तरफ से न्यायालय में जमानत याचिका दायर की गई थी। सभी पक्षाें काे सुनने के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय ने महेश की जमानत याचिका काे खारिज कर दिया है।
गाैरतलब है कि दतिया के इलेक्ट्राेनिक्स काराेबारी मनाेज गुप्ता काे काेराेना संक्रमित पाए जाने पर ग्वालियर के अपाेलाे अस्पताल में भर्ती कराया गया था। अस्पताल प्रबंधन ने जब प्लाज्मा चढ़ाने की जरूरत बताई ताे अस्पताल के सिक्युरिटी गार्ड जगदीश ने स्वजनाें काे महेश का माेबाइल नंबर दिया आैर कहा कि यह प्लाज्मा दिलवा देगा। महेश ने 18 हजार रुपये लेकर प्लाज्मा उपलब्ध करा दिया था। इस प्लाज्मा काे चढ़ाने के बाद मरीज की माैत हाे गई थी। स्वजनाें ने नकली प्लाज्मा हाेने का आराेप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। मामले की जांच के लिए प्रशासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीम गठित की गई थी। जांच में पाया गया कि आराेपित अजय त्यागी घर पर मिलावटी प्लाज्मा तैयार करता था। इस रैकेट में महेश भी शामिल था। पुलिस ने आराेपिताें काे गिरफ्तार करने के साथ ही इस रैकेट का भी खुलासा किया था। इस मामले में गिरफ्तार किए गए आराेपित महेश ने न्यायालय में जमानत याचिका दायर की थी। जिसमें लाेक अभियाेजक विजय कुमार शर्मा ने बताया कि आराेपित का कृत्य गंभीर प्रकृति का है। नकली प्लाज्मा बेचकर बीमार मरीजाें की जान से खिलवाड़ किया गया है। आराेपित ने रुपयाें के लालच में आकर मानवता की सारी हदें पार कर दी। एेसे आराेपित की जमानत याचिका काे निरस्त किया जाए। जिला एवं सत्र न्यायालय न्यायाधीश ने सभी पक्षाें के तर्क सुनने के बाद जमानत याचिका काे निरस्त कर दिया।