भारत मे ठगी की एक नई दुकान- onpassive

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नई दिल्ली.

भारत में लोगों को ठगना कोई नई बात नहीं है इससे पहले भी कई बार कई तरह की कंपनियां लोगो को अपनी लुभावनी स्कीम दिखाकर बड़े सपने दिखाकर लोगों के बीच अपनी पकड़ नेटवर्किंग के जरिए बनाती रही है और लोगों को लाखों रुपए करोड़ों रुपए का चुना लगाती रही है.


ऑन पैसिव नाम से नाम से एक कंपनी लोगों को गुमराह करके ₹10000 रुपए फाउंडरशिप  के नाम पर लेकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रही है आज हम इसी पूरे सिस्टम का पर्दाफास् करेंगे।

कभी पैसे डबल करने के नाम पर कभी लंबा कभी लंबा चौड़ा ब्याज देने के नाम पर तो कभी नेटवर्क मार्केटिंग की कंपनियां घटिया प्रोडक्ट महंगे दामों पर बेचकर लोगों की जेब पर डाका डालती रही है भारत में नई टेक्नोलॉजी या फिर किसी नया आईडिया को लेकर लोगों में उत्सुकता रहती है और कई लोग बिना इसको पूरी तरह समझे इन कंपनियों के झांसे में आ जाते हैं।


 इसी तरह आजकल एक कंपनी जोकि खुद को एक आईटी कंपनी बता रही है आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के नाम पर लोगों को चुना लगा रही है यह कंपनी जोकि विदेशी बताई जा रही है और हैदराबाद में इसका ऑफिस बताया जा रहा है ऐसा कहा जा रहा है इस कंपनी के लीडर के द्वारा की यह कंपनी 2018 से शुरू हुई है तथा यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से सुसज्जित इंटरनेट प्रोडक्ट जैसे कि सोशल मीडिया फेसबुक व्हाट्सएप जूम मीट इस तरह के 50 60 प्रोडक्ट का निर्माण इसके हैदराबाद ऑफिस में चल रहा है।



 इस कंपनी के कुछ लीडर हर रोज बहुत सारे फेसबुक ग्रुप व्हाट्सएप ग्रुप यूट्यूब वीडियोस के माध्यम से और रोजाना जूम मीट पर इनकी वेबीनार होते हैं जिनके द्वारा रोज कई हजार लोगों को यह अपना प्लान समझाते हैं प्लान कुछ इस तरह से है कि आने वाले समय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का दौर है, यह कंपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सुसज्जित सॉफ्टवेयर लॉन्च करने जा रही है जोकि लांच करते से ही पूरी इंटरनेट की दुनिया मैं छा जाएंगे 

ऐसे सर्विस अभी तक फेसबुक और गूगल के पास भी नहीं है आप इस कंपनी के फाउंडर मेंबर बन जाइए सिर्फ ₹10000 देकर और लॉन्च होने के बाद लाखों रुपया महीना कंपनी अपने आप आपके खाते पर डालती रहेगी इस कंपनी का मुख्य ऑफिस फ्लोरिडा अमेरिका में बताया गया है और एस मुफरह नामक व्यक्ति इस कंपनी का फाउंडर बताया जा रहा है और कंपनी की वेबसाइट विजिट करने पर पता चलता है की 10 लाख के आसपास लोग ₹10000 देकर इस कंपनी के फाउंडर बन चुके हैं अब तक आप समझ चुके होंगे की यह कंपनी अभी लॉन्च नहीं हुई है और लॉन्च होने के पहले लोगों को ₹10000 लेकर फाउंडर बनाया जा रहा है और लाखों रुपए कमाने के सपने दिखाए जा रहे हैं।



जब हेडलाइनस नाओ डॉट कॉम की it टीम ने इस कंपनी की हकीकत की पड़ताल की तो पूरी दाल काली नज़र आई।

जब हमारी टीम के आईटी एक्सपर्ट ने इस कंपनी का पूरा सिस्टम समझकर फैक्ट चेक किया तो सामने आया की यह कोई विदेशी कंपनी नहीं है भारत में ही कुछ लोगों के द्वारा बनाया गया है और एसमुफरह नाम का कोई भी व्यक्ति इस कंपनी का मुखिया नहीं है यह पूर्णता एक फर्जी कंपनी है जोकि कुछ लोगों के द्वारा झूठ के आधार  लोगों को ठगने के लिए ही खड़ी की गई है जो व्यक्ति एस मुबारक के नाम से इस कंपनी के वेबीनार और वेबसाइट पर शो होता है वह कोई और ही विदेशी व्यक्ति है जिसे पैसे देकर उसका उपयोग किया जा रहा है ।

जिससे लोगों में कंपनी के प्रति विश्वास हो 


















1000000 फाउंडर हो गए होते तो एक कंपनी के ऑफिशियल फेसबुक पेज पर लाखों लाइक होने चाहिए थे और कंपनी के सीईओ एस मुहावरे के ऑफिशियल पेज पर भी लाखों में फॉलोअर्स होने चाहिए थे जोकि सिर्फ 5 से 10 हजार के बीच ही है जिससे यह साबित हुआ है की पांच दस हज़ार के आसपास ही लोग इनके चंगुल में फस चुके हैं ।


इनका जो ऑफिस हैदराबाद में 5 मंजिला इमारत में बताया जाता है वह पूर्णता झूठ पर टिका हुआ है,

 डीएसआर एस्पायर नामक बिल्डिंग जोकि हैदराबाद में स्थित है उसके फिर एक फ्लोर पर इस कंपनी ने किराए से एक ऑफिस बनाया है जोकि 50 से ₹60000 रुपए मासिक पर मिल जाता है ।

लोगों को बड़े-बड़े सपने दिखाने के लिए यह कंपनी के लोग किसी भी मोटिवेशनल स्पीकर का कोटस उठाकर या फिर कोई भी फोटो वीडियो उठाकर उसे एडिट करके और ऑन पैसिव लिखकर लोगों को गुमराह करते हैं जो लोग इंटरनेट को पूरी तरह नहीं समझते हैं वह इनके जाल में फस जाते हैं और ₹10000 देकर इन के मेंबर बन जाते हैं और फिर दूसरों को भी मेंबर बनने की सिफारिश करने लगते हैं जिसे इनकी टीम और बड़ी हो जाए और इन्हें और ज्यादा पैसे आए जैसा कि कंपनी के वेबीनार में इनको बताया जाता है।

 हमारी टीम के एक्सपर्ट ने बताया कोई भी कंपनी लॉन्च होते से ही इंटरनेट पर कब्जा नहीं कर सकती फेसबुक ट्विटर गूगल माइक्रोसॉफ्ट इन कंपनियों के साथ अपना नाम जोड़कर कोई भी कंपनी आईटी कंपनी नहीं बन जाती ऑन पैसिव कंपनी ने एक यूआरएल शार्टनर सर्विस बनवाई है जोकि बहुत सामान्य है और इसी सर्विस के दम पर उसने भारत सरकार के नियमों अनुसार खुद को रजिस्टर करा लिया है और गो फाउंडर नाम से एक सर्विस को ₹9800 में बेच रही है यही कंपनी का फंडा है जिसे लोग फाउंडर शिप समझ रहे हैं आप सभी से आग्रह है इस तरह की लुभावने सपने दिखाकर लोगों को ठगने वाली कंपनियों से दूर रहें।।



 यह एक हंड्रेड परसेंट फ्रॉड कंपनी है क्योंकि सिर्फ और सिर्फ आपका पैसा लूट कर किसी दिन बंद हो जाएगी इसलिए इस तरह के लुभावने सपनों से दूर रहें और अपनी मेहनत की कमाई इन जालसाजी से बचा कर रखें और यदि आप इनके जाल में फस चुके हैं तो अपने नजदीकी पुलिस स्टेशन में अपनी शिकायत दर्ज कराएं।



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